अलवर : पत्नी ने घूंघट नहीं निकाला तो गुस्से में पति ने 3 साल की मासूम को आंगन में उछाला, मौत
By: Ankur Thu, 19 Aug 2021 09:16:57
जिले के गादोज गांव में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया जहां पत्नी ने घूंघट नहीं निकाला तो गुस्से में पति ने अपनी ही 3 साल की मासूम को फेंक दिया जिससे उसकी मौत हो गई। झगड़े की शुरुआत पत्नी के घूंघट नहीं निकालने से हुई। गुस्से में पिता तीन साल की मासूम बेटी को पीटने लगा। मां उसे बचाने लगी तो मासूम को उछालकर कमरे आंगन में फेंक उसकी हत्या कर डाली। थानाधिकारी प्रेमप्रकाश ने बताया कि हत्या के मामले में बिना पुलिस को सूचना दिए अंतिम संस्कार के बारे में अनुसंधान किया जा रहा है। इसमें शामिल हुए लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। आरोपी घटना के बाद फरार हो गया है। उसकी भी तलाश की जा रही है। जल्दी ही उसे गिरफ्तार कर लेंगे। मंगलवार रात की घटना से बदहवास मां बिलखती रही। किसी ने उसकी एक ना सुनी। बुधवार को पीहर वालों के आने पर वह बहरोड़ थाने पहुंची और मामला दर्ज कराया।
बहरोड़ थाना अधिकारी प्रेमप्रकाश ने बताया कि गादोज गांव निवासी मोनिका यादव की रिपोर्ट पर हत्या का मामला दर्ज किया है। मोनिका ने रिपोर्ट में बताया कि उसका पति प्रदीप यादव घर के भीतर हमेशा घूंघट निकालने की कहता है। वह घूंघट भी करती है। मगर कभी जरा घूंघट कम हो तो झगड़ा और मारपीट करने लगता है। मंगलवार रात को भी घूंघट निकालने को लेकर झगड़ा शुरू कर दिया। उसकी 3 वर्षीय पुत्री प्रियांशी को थप्पड़ मार दिया। मोनिका ने विरोध किया तो उसकी गोद से बच्ची को खींचकर कमरे के अंदर ले गया। वहां पीटने के बाद उसे उछालकर कमरे के आंगन में फेंक दिया। करीब 6 फीट तक हवा में रही बच्ची ने फर्श पर गिरते ही दम तोड़ दिया। इसके बाद पति और ससुराल के लोग बुधवार तड़के उसका अंतिम संस्कार कर आए। पुलिस ने पति के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है। आरोपी वारदात के बाद फरार हो गया।
पीड़िता मोनिका ने पुलिस को बताया कि वर्ष 2013 में उसकी शादी प्रदीप के साथ हुई थी। वह एक फैक्ट्री में काम करता है और 12वीं तक पढ़ा लिखा है। शादी में परिजनों ने सामान व बाइक दी थी। लेकिन प्रदीप दहेज की मांग को लेकर अक्सर झगड़ा करता था। उसकी दो बेटियां थीं। इनमें बड़ी कशिश 6 वर्ष की है। जबकि छोटी बेटी प्रियांशी का जन्म 2018 में हुआ था। तब पीहर वालों ने घर में कलह खत्म करने के लिए छूछक में क्विड कार खरीदकर प्रदीप को दे दी थी। इसके बावजूद वह नहीं सुधरा तो रेवाड़ी में दो बार मामले दर्ज कराए। हालांकि बाद में इनमें समझौता हो गया था।
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